शौर्य तुझे हो जाना है
तारों भरी सुबह है
झिलमिलाते रास्ते है
नयी कोपे फूटने को है
तुझे नयी मिसाल दागनी है
पथ से तु न डगमानना
विध्वंस की सीमा पार कर
शौर्य तुझे हो जाना है
बेमिसाल कहुँ या कि
बेहिसाब से जो उलझने है
सुलझी सी जो उलझने है
स्वंय प्राण की जो चेतना
तुझे पुकार रही है
वाणी से जो तुझे
तेरे भीतर दहका रही है
इतिहास के पन्नों में लिखी
जो वीर गाथा का प्रमाण है
प्रमाण नहीं वो तो शूरवीरों
का मातृभूमि के लिए त्याग है
जिस तप के लिए तड़पा हर
पिता हर सोमवार है
और माँ जिसने अपना दूध
मिट्टी को सौंप दिया
तुझे उस रज के लिए
वीर हो जाना है
पथ से तु न डगमगना
शौर्य तुझे हो जाना है
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