मंजिल
तेरी हिम्मत न रुकेगी कभी ,
आत्मविश्वास न हारेगा कभी ,
अनुभव की सीढ़ियों पर ,
न डगमगायेगा तु कभी ,
पथरीली सी आखों में ,
मंज़िलो की गहराई में ,
भरेंगे उड़ान तेरे बादल ,
भी कभी ,
जर्जर भूमि तेरे लफ्ज़ो की ,
दफन होती जिसमे ,
लकीरे तेरी किस्मत की ,
तेरे पग प्रस्तर की मंज़िलो
से निकलेगी राहे भी
रख जुनून
रख जुनून। ,