इंतज़ार
" इंतज़ार को कुछ होना यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी ये सोचा नहीं
हवा के दरख्ते में जब वो बहेगा
तो फूलों के महकने की मंज़ूरी
उसे न मिलेगी "
"किरणों की तलहटी में इंतज़ार
को छुपना कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी ये बतलाया ही नहीं
चाँद की रोशनी में जुगनुओं को
भी उसकी मंज़ूरी न मिलेगी "
"आसमान को छूना इंतज़ार को
कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी उड़ान भरी ही नहीं
या कि पंछियों के सुरों को
उसकी मंज़ूरी न मिलेगी "
"अनुभवी होना इंतज़ार को
कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी गलतियाँ की ही नहीं
या कि बचपन के खेलों को
उसका न होना मंज़ूर न था
"बेलीक चलना इंतज़ार को कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी सीमाएं लांघी नहीं
या कि नदियों के धैर्य को उसका
न होना मंज़ूर न था "
"पलकों पर बैठना इंतज़ार को कुछ
यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी झपकियाँ ली ही नहीं
या कि टूटी नींद के सपनो को
उसका न होना मंज़ूर न था "
"कदम-दर-कदम इंतज़ार को होना
कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी रास्ता नापा ही नहीं
या कि मंज़िलो के ना होने की
मंज़ूरी उसको न मिलेगी "
"बेलीक चलना इंतज़ार को कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी सीमाएं लांघी नहीं
या कि नदियों के धैर्य को उसका
न होना मंज़ूर न था "
"पलकों पर बैठना इंतज़ार को कुछ
यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी झपकियाँ ली ही नहीं
या कि टूटी नींद के सपनो को
उसका न होना मंज़ूर न था "
"कदम-दर-कदम इंतज़ार को होना
कुछ यूँ मंज़ूर था
कि उसने कभी रास्ता नापा ही नहीं
या कि मंज़िलो के ना होने की
मंज़ूरी उसको न मिलेगी "