Wednesday, February 20, 2019

खामोशी भरे अँधेरे हो गये

खामोशी भरे अँधेरे हो गये
जहाँ हुए शहीद तुम
वो रास्ते भी अमर हो गये
बलिदानी हुई तुम्हारी और
फूल तुम्हारे शहीद हो
 गयेमुखाग्नि मिली तुम्हें
अमरता के कदम अग्नि के हो गये
गोलियाँ सही वर्दी पर तुमने
शौर्य की कहानी ध्वज हो गये
मौत के खिलाड़ी बने तुम और
जीत के जयकारे लकीरों के पार हो गये
चौखट-दर-चौखट बचाने को
आसियाना छोड़ा तुमने और
इंतज़ार सूनी मांग के हो गये
धरा रंगी खून से तुम्हारे
रोशन सवेरा आसमानी हो गये
कोख सूनी हुयी माँ की तुम्हारी
 जयकारे भारत माँ के हो गये
परिंदो की आजादी बने तुम
जंग-ए-दासता कलम के हो गये
ताबुओ में गुजरा जीवन तुम्हारा
इतिहासी चिन्ह समाधि के हो गये
भूमि के वास्ते राख बने तुम और
शोभा ललाट पर चन्दनी तिलक हो गये
एक अकेले कुछ यूँ गये तुम
अमर जवानी सबके नाम  कर गये
ए वीर तुम भारत माँ के लिए शहीद हो गए 
ए वीर तुम भारत माँ के लिए शहीद हो गए

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दूसरी चिट्ठी

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